झारखंड में शराब घोटाला और CNT एक्ट विवाद

रांची: झारखंड में एक बार फिर से राजनीति गरमा गई है। राज्य में कथित शराब घोटाले और CNT (छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम) एक्ट में बदलाव को लेकर सरकार के खिलाफ तीखा विरोध जताया जा रहा है। केंद्रीय प्रवक्ता सह केंद्रीय संगठन महामंत्री विजय कुमार सिंह ने इन मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री पर सीधे निशाना साधा है। उन्होंने एक के बाद एक तीखे बयान जारी कर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।


 

शराब घोटाले की पटकथा पहले से तैयार थी: विजय सिंह

विजय कुमार सिंह ने आरोप लगाया है कि झारखंड में चल रहे शराब घोटाले की पटकथा पहले से लिखी जा चुकी थी और अब सिर्फ उसका "शो" शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि यह जांच केवल विभागीय मंत्री पर नहीं रुकेगी, बल्कि मुख्यमंत्री तक जाएगी। ACB (एंटी करप्शन ब्यूरो) इस समय सही दिशा में जांच कर रही है, जिससे साफ संकेत मिलते हैं कि बड़े नामों पर कार्रवाई हो सकती है।

CNT एक्ट में बदलाव आदिवासियों के खिलाफ: विपक्ष का आरोप

दूसरे बयान में विजय कुमार सिंह ने CNT एक्ट में थाना क्षेत्र की बाध्यता समाप्त करने के प्रस्ताव पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि इससे अमीर लोग गरीब आदिवासियों का शोषण करेंगे और यह प्रयास CNT एक्ट को कमजोर करेगा। उन्होंने सरकार पर आदिवासी हितों की अनदेखी का आरोप लगाया और कहा कि यह कदम आदिवासियों के हित में नहीं है। 

मुख्यमंत्री पर सीधा हमला: आदिवासियों के साथ धोखा

तीसरे बयान में विजय सिंह ने सीधे मुख्यमंत्री पर हमला बोला और कहा कि झारखंड में आदिवासी मुख्यमंत्री ही CNT एक्ट में छेड़छाड़ कर आदिवासियों का नुकसान कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि यह कैसा अबुआ (अपना) राज है, जिसमें अपने ही समुदाय के लोगों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है?

राजनीतिक समीकरणों पर असर

झारखंड में CNT एक्ट और शराब घोटाले को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। आदिवासी वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए इन मुद्दों पर सरकार की प्रतिक्रिया अहम मानी जा रही है। आने वाले दिनों में यह विषय विधानसभा और सड़कों दोनों पर गरमाए रहने की संभावना है।


निष्कर्ष

विजय कुमार सिंह के बयान इस बात की ओर इशारा करते हैं कि झारखंड की राजनीति में आगामी समय में सरकार को विपक्ष से तीखी टक्कर मिलने वाली है। जनता की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि सरकार इन गंभीर आरोपों और संवेदनशील मुद्दों पर क्या कदम उठाती है।

 

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